रेकी की आभार विधि
स्वयं को दैनिक रेकी दें। यह अपनी बैटरी चार्ज करने की तरह है। सदैव स्वयं को पूरे शरीर पर रेकी दें। प्रत्येक केंद्र पर तीन से पाँच मिनट तक रेकी मिलना चाहिए। इसके बाद रोगग्रस्त भाग पर दस से बीस मिनट तक आवश्यकतानुसार रेकी दें। बूढ़ों तथा बच्चों के लिए सामान्यतः बीस से तीस मिनट की चिकित्सा पर्याप्त होती है। रेकी कपड़ों, कंबल, पट्टी, प्लास्टर इत्यादि में से गुजर जाती है। उपचारी का उपचार करते समय हमेशा अपनी तथा रोगी की स्थिति सुविधापूर्ण रखें। रेकी करने से पूर्व उपयोगी सुझाव * अपनी तथा रोगी की घड़ी, बेल्ट, टाई तथा आभूषण उतार दें। * ढीले तथा आरामदायक वस्त्र पहनें। * रेकी देते समय हमेशा अपनी हथेलियों को ओक बनाकर रखें। * यह आवश्यक नहीं है कि उपचारक के साथ सदैव गर्म हों। * रेकी को ध्यान, योग इत्यादि के साथ-साथ किया जा सकता है। * रेकी का उपयोग शल्य चिकित्सा के पूर्व तथा बाद में अच्छा रहता है। प्रभामंडल उपचार हथेलियों को शरीर से एक से चार इंच की ऊँचाई पर रखते हुए विभिन्न केंद्रों पर शरीर का उपचार किया जा सकता है। इस प्रकार रेकी का प्रयोग कर शरीर में होने वाली बीमारियों को समय से पहले रोका जा सकता है। आभार विधि * मैं अपना आभार मानता हूँ। * मैं ईश्वर का आभार मानता हूँ। * मैं अपने माता-पिता का आभार मानता हूँ। * मैं अपने गुरु का आभार मानता हूँ। * मैं रेकी ऊर्जा, रेकी गाइड्स, रेकी ग्रैंड मास्टर डॉ. मिकाओ उसुई, डॉ. हयाशी, मैडम टकाटा का आभार मानता हूँ। * यदि किसी दूसरे व्यक्ति को रेकी दें तो उस व्यक्ति का आभार मानें। |