मूलांक ९ मंगल

मूलांक ९ का अधिष्ठाता ग्रह मंगल है। वर्ष के किसी भी माह में निम्मांकित तारीख को जन्म लेने वाला जातक अथवा ९,१८,२७ अंक बनाने वाली तारीख को जन्म लेने वाला होता है तो उनका मूलांक ९ होगा। पाश्चात्य ज्योतिषी महान्‌ भविष्य वक्ता कीरो के मतानुसार प्रतिवर्ष २३ मार्च से २० अप्रैल तक और २४ अक्टूबर से २१ नवम्वर तक मेदिनीय क्षितिज पर मंगल का विशेष प्रभाव रहता है। इस समय ९,१८,२७ तारीख को अथवा उपरोक्त निर्देशित विधान के अनुसार जो व्यक्ति जन्म लेता है, उस पर मंगल का विशेष प्रभाव रहता है।
जन्म दिनांक नौ होने से मूलांक नौ होता है मूलांक नौ का स्वामी मंगल है। मंगल को ग्रहों का सेनापति माना गया है। अतः इनके अन्दर सेनापति, नायक, मुखिया इत्यादि बनने की चाह समाजिक बनी रहेगी। इनमें रोजगार व्यवसाय में एकाधिकार की प्रवृत्ति पाई जाती है। इनके अन्दर साहस अधिक होने से, ये अपने कार्यों को अदम्य साहस से करते हुये, कठिनाईयों को आसानी से पार कर लेते हैं। इनके स्वभाव में तेजी रहती है तथा फुर्ती एवं जल्दबाजी से कार्य कर करते हैं। सदैव यही कोशिश रहती है कि ये जो भी कार्य हाथ में लें वह शीघ्र समाप्त हो जाये। स्वभाव में साहसीपन होने से ये दुःसाहस के कार्यों से सदैव दूर रहना हितकर समझते हैं। ये अनुशासन प्रिय रहते हैं, एवं दूसरों से अनुशासन रखने की अपेक्षा करते हैं। खुशामद एवं चापलूसी से प्रभावित होकर कभी-कभी नुकसान भी उठाते हैं। अतः खुशामदी एवं चापलूस व्यक्तियों से सदैव बचें। मंगल ग्रह के प्रभाव से क्रोध की मात्रा भी अधिक रहेगी। इससे विरोधी उत्पन्न होंगे। शत्रुओं की संखया कम रहेगी एवं शत्रुओं को दमन करने का बल हमेशा बना रहेगा।

ये मंगल के मूलांक के प्रभाववश अग्नितत्व प्रधान रोगों के शिकार होते हैं। अतः सौम्यता का व्यवहार रखना भाग्य में वृद्धि कारक होता है। मंगल प्रभावित मूलांक वाले प्राणी साहसी, पराक्रमी तथा संघर्षशील होते हैं। इन्हे संघर्ष के पश्चात्‌ सफलता मिलती है। ये स्वभाव से उग्र और प्रकृति चंचल होती है, इनके जीवन के ९,१८, एवं २७ वें वर्ष की आयु महत्वपूर्ण परन्तु संघर्षपूर्ण रहेगी।
इनके जीवन में शत्रुओं की बाहुल्यता रहती है, मूलांक ९ के जातक पुलिस, प्रतिरक्षा, साहसिक एवं जोखिमपूर्ण कार्य में रहा करते हैं तथा इसी क्षेत्र में सफलता भी मिलती है। इनके जीवन में अनेक बार चोट, घाव, शस्त्राघात एवं दुर्घटना आदि होती रहती है। कई बार अग्नि से प्रभावित होते पाए जाते हैं और यदा-कदा अग्नि प्रकोप से दुखी भी होते हैं।
इस मूलांक के जातक को विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता होती है, ये घर में या घर से बाहर कहीं भी झगड़े झंझट,उलझन आदि से प्रभावित अथवा संलग्न रहते हैं। क्योंकि ९ मूलांक के जातक शीघ्र क्रोधित हो जाते हैं, तथा झगडा करने में अग्रसर हो जाते हैं। ये किसी भी बात को सहन नहीं कर पाते अपनी आलोचना सुनकर आग-बबूला हो जाते हैं। ये उच्चकोटि के कार्य प्रबन्धक होते हैं तथा अपने प्रेमी के लिए कुछ भी न्योछावर कर देते हैं। इस प्रकार के व्यक्ति को स्त्री जाति मूर्ख बना सकती है, क्योंकि ये प्रेम के अधिक
इच्छुक होते हैं। इस अंक के जातक भाग्यशाली होते हैं। तथा भाग्योन्नति में, इनका निष्ठुर स्वभाव बाधक होता है।

९ अंक वाले जातक के लिए अंक ३ और ६ मित्रांक अंक २,४,५,८ समान अंक तथा १ और ७ शत्रु अंक होते हैं। इस प्रकार ९ मूलांक वालों के लिए प्रत्येक माह की ९,१८,२७/३,१२,२१,३०/६,१५,२४ तारीख मंगलवार, गुरुवार एवं शुक्रवार का दिन शुभफलदायी होता है, साथ ही इनके लिए प्रत्येक वर्ष का मार्च, जून, सितम्बर तथा दिसम्बर महीना शुभ फलदायी है। साथ ही इनके जीवन के ९,१८,२४, २७,३०,३६,३९,४२,४५,४८,५१,६३,७२ वाँ वर्ष अनुकूल शुभ, उन्नति कारक एवं भाग्यशाली होते हैं। इस अंक वाले धैर्यवान होते हैं, तथा ये स्वतंत्र रुप से जीवन यापन करना एवं स्वयं कार्य-कर्त्ता होना पसन्द करते हैं। इनके जीवन का प्रारम्भिक काल कुछ कठिनाईयों से भरा होता है परन्तु अन्त में ये जातक अपनी सहिष्णुता आत्मविश्वास तथा दृढ़ इच्छा शक्ति के द्वारा, मुसीबतों पर
विजय प्राप्त करते हैं।
इनके जीवन में कभी-कभी शल्य क्रिया भी होती है। इनका दाम्पत्य जीवन सुखी नहीं होता, क्योंकि इनका विचार इनकी पत्नी से नहीं मिलता है। इनके लिए गुलाबी, गहरा लाल, सफेद, तथा पीला रंग अनुकूल एवं शुभप्रद है। इनके लिए अनुकूल रत्न, रुबी, गारनेट, मूँगा, माणिक, रत्न धारण करना लाभप्रद एवं भाग्योन्नति कारक होते हैं। इनके लिए पूर्व, उत्तरपूर्व एवं उत्तर पश्चिम दिशा अनुकूल होती है।

९ अंक से प्रभावित जातक को खसरा, चेचक, ज्वरादि की बीमारी की आशंका रहती है इनके लिए मांसाहार, गरिष्ठ भोजन अधिक मसाला एवं मद्यपान अति हानिकारक है। प्याज, लहसन, मूँगफली, चिरायता, मजीठ, अदरख, पीदर, आलू , अमरबेल, आदि का सेवन लाभप्रद होता है। जैसी परिस्थिति होती है अपने आपको उसके अनुरूप ढाल देना इनके जीवन का रहस्य है। निर्भीकता इनके जीवन का सबसे बड़ा गुण है। नेतृत्व करने की जन्मजात प्रवृत्ति होती है, और उर्बर मस्तिष्क तथा अधिक परिश्रम करना इनके जीवन का विकास है।
मूलांक ९ का स्वामी मंगल एवं देवता हनुमान हैं। इनकी शुभ धातु ताम्र, अनुकूल रंग गुलाबी एवं गहरा लाल है। इनकी अनुकूल दिशा दक्षिण, दान की वस्तुयें लाल वस्त्र, केशर, रक्त चंदन एवं तांबा तथा अन्न मसूर है। पदार्थ घृत, जाप मंत्र ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः तथा जाप संखया १०,००० है।
यह पुर्नजन्म, अध्यात्म, इंद्रियों के विस्तार, पूर्वाभास, विकास व समुद्री यात्राओं का प्रतीक है। यह स्वप्न, अघटित घटना, दूरस्थ ध्वनियों को सुनने का भी प्रतीक है। यह पुनर्रचना, कामयता, कंपन, लय, तरंग, बहिर्गमन, प्रकाशन, धनुर्विद्या, भविष्यकथन, रहस्योद्‌घाटन, विचार तरंगों, दिव्य दर्शन, प्रेतात्मा, धुंध, बादल, दुर्बोधता, निर्वासन तथा रहस्य का भी द्योतक है। ९ का अंक तीव्रता, संघर्ष, ऊर्जा, साहस, विभक्तिकरण, रोष व उत्सुकता का प्रतीक है।
ये लोग किसी से हार न सकने वाले शूरवीर, साहसी होते हैं, और स्वभाव अच्छा होता है। ये लोग प्रभावी व्यक्तित्व के होते हैं तथा अच्छे खासे सुंदर होते हैं, रंग गुलाबी होता है, तथा आंखे तेजस्वी होती हैं, ये लोग शारीरिक रूप से भले पहलवान न बनें, परन्तु उनका स्वास्थ्य अच्छा होता है। इन लोगों का शरीर गठीला होता है। ये लोग बहुत आकर्षक भी होते हैं। इन लोगों में अच्छी संचालन शक्ति होती है, जिससे ये अच्छे संचालक बन सकते हैं, अच्छे पत्रकार बन सकते हैं, प्रतिष्ठित अखबार के संपादक आदि भी बन सकते हैं।

इन लोगों को प्रत्येक कार्य सोच-विचार कर करना चाहिए क्योंकि कभी अशुभ ग्रह आने पर नुकसान उठाना पड सकता है। उतावले स्वभाव में परिवर्तन करने पर अड़चन नहीं आएगी। इन लोगों का वैवाहिक जीवन सुखद नहीं होता जिससे ये लोग कई बार स्त्रियों के पीछे पैसे खर्च करते हुए दिखायी देते हैं, परन्तु इन लोगों का विवाह परस्पर अंक ९ के तहत मिलाकर किया जाए तो जीवन सुख से व्यतीत होगा। इन लोगों के कार्य में कोई अड चन पैदा करे, तो वे थोडा भी सहन नहीं करते। ये लोग स्वभाव से तामसी होने के बावजूद शांत दिखायी देते हैं। दूसरों पर रौब जमाने पर ये लोग काबू में आने वाले नहीं हैं। इन लोगों को अपने धर्म के प्रति गर्व होता हैं, इन लोगों के आचार विचार कई बार बदलते हुए दिखायी देते हैं, तथा इन लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर रहती है।
इनका विशेष गुण यह होता है, कि ये किसी का उपकार चुकाए बगैर नहीं रहते। इन लोगों में बहुत से लोग शुरूआती जीवन में कष्ट उठाते हुए दिखायी देते हैं। ये लोग अच्छी मेहनत कर जीवन में ढेर सारा पैसा अर्जित करते हैं, बाद का जीवन पैसा आदि के लिए बहुत अच्छे ढंग से बीतता है। अच्छी तरह से बातचीत करते हैं, जिससे बहुत अच्छे वक्ता भी बन सकते हैं। ये लोग अच्छी खयाति प्राप्त करते हैं और नौकरी करने पर उच्च पद पर होते हैं। इस अंक का स्वमी मंगल होने से ९,१८ और २७ तारीख को पैदा होनेवाले लोगों के लिए मंगलवार,गुरूवार और रविवार शुभ हैं। ९,१८,२७ तारीख को को मंगलवार, गुरूवार और रविवार का आना शुभ माना जाता है। इस अंक की तारीख को आनेवाले दिनों में कोई भी अच्छा कार्य करने पर उसका फल अच्छा मिलता है।