मूलांक १ सूर्य


वर्ष के किसी भी मास की तारीख १, १०, १९ और २८ तारीख को जन्म लेने वाले जातक का मूलांक १ होता है, जन्म तारीख जन्म मास और जन्म वर्ष के सभी अंको का योग कर जो पिंडाक प्राप्त होता है, उसे भाग्यांक कहते हैं।

इस (१) अंक के मूलांक का जातक कर्मठ, कर्मपारायण, परिश्रमी और उद्यमी होता है तथा स्थिर विचार धारा का एवं दृढ़निश्र्चयी होता है। उसकी प्रकृति में स्थिरता होती है अपनी राय, विचार और कृतसंकल्प के अनुसार सुस्थिर रहता है। मूलांक (१) के जातक हेतु सभी महीने की १,१०,१९ और २८ तारीख शुभ सूचक एवं महत्वपूर्ण होती है। मूलांक १ वाले जातक को रविवार, सोमवार का दिन शुभ होता है। यदि सम्बन्धित तारीखों में सम्बन्धित दिन का योग हो तो अमृत सिद्ध योग बन जाता है।

इस अंक वाले जातकों के लिए जनवरी, अक्टूबर, जुलाई एवं अप्रैल का माहशुभ सूचक होता है। मूलांक १ का स्वामी ग्रह सूर्य हैं, सम्बन्धित माह में जन्म लेने वाले जातकों पर सूर्य का विशेष प्रभाव रहता है तथा सूर्य की अनुकूलता प्राप्त होती है। मूलांक १ के प्राणी अनुशासित होते हैं, वे किसी के दबाव अथवा प्रभाव में रहना नहीं चाहते हैं। यह किसी भी प्रकार से संस्था संचालक, प्रधान,
अध्यक्ष अथवा उच्चाधिकारी होते हैं, अथवा प्रतिभा सम्पन्न प्रशासनिक प्रवृति के होते हैं, सूर्य प्रधान जातक के जीवन में राजयोग का सुख प्राप्त होता है। उच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति, राष्ट्राध्यक्ष, प्रधानमंत्री, उच्चाधिकारी प्रतिरक्षा मंत्री अथवा पतिरक्षा, पुलिस, जिलाधीश आदि राजपत्रित, प्रशासनिक पदाधिकारी आदि उच्चस्तरीय कार्यकर्त्ता का सूर्य बलवान होता है। उच्चस्तरीय कार्य-व्यवस्था एवं प्रभाव हेतु सूर्य का बलवान, होना तथा अनुकूलता से ही, सफलता की प्राप्ति होती है।

जन्म दिनांक १-१०-१९-२८ होने से मूलांक एक होता है। मूलांक एक के प्रभाव से स्थिर विचारधारा के व्यक्ति होते हैं। ये अपने निश्चय पर दृढ़ रहते हैं। जीवन में जब भी किसी को वचन इत्यादि देते हैं, तो उन्हें निभाने की पूर्ण कोशिश करते हैं। इनकी इच्छा शक्ति दृढ  रहती है एवं अपने मनोनुकूल संबंधों में स्थायित्व रखते हैं। लम्बे समय तक जो भी विचार बना लेते हैं उनका पालन करने में निरंतर कोशिश करते हैं। इनके प्रेम सम्बन्ध स्थायी बने रहते हैं यदि किसी कारणवश किसी से विवाद या शत्रुता होती है, तो ऐसी स्थिति में शत्रु या विवादित व्यक्ति से भी मन-मुटाव दीर्घकाल तक बना रहता है। मानसिक स्थिति स्वंतत्र विचारधारा की होने से, पराधीन रहकर कार्य करने में असुविधा महसूस करते हैं। किसी के अनुशासन में कार्य करने की अपेक्षा स्वतंत्र रूप से कार्य करना अधिक पसंद करते हैं। निरंतर इनमें यह कोशिश एवं महत्वाकांक्षा रहेगी कि जो भी कार्य करें वह निष्पक्ष एवं स्वतंत्र हो, कार्य में किसी का भी हस्तक्षेप इन्हें मंजूर नहीं होता।

मूलांक एक का स्वामी सूर्य ग्रह होने के कारण इसके प्रभाववश दूसरों का उपकार, उपचार करने की प्रवृत्ति प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहती है सामाजिक क्षेत्र में सूर्य के समान ही प्रकाशित होना पसंद करते हैं। सामाजिक संगठनों में मुखिया का पद पाने की चाहत बनी रहती है। मूलांक १ वाले प्राणी के लिए अंक ४ एवं ८ के जातक मित्र २,३,७ एवं ९ अंकके जातक सम एवं ५, ६ अंक के जातक शत्रु होते हैं। उपरोक्त मित्र शत्रु समांक के आधार पर अंक से सम्बन्धित दिन तारीख मास, वर्ष ग्रहादि भी प्रभाव प्रदान करते हैं। १ अंक के जातक के लिए ईशान, वायव्य एवं दक्षिण दिशा शुभ है इनके लिए माणिक्य, मूँगा, मोती एवं पोखराज रत्न अनुकूल फलादायी होंगे। पीला हीरा भी धारण करना अनुकूल होगा। पुरुष गहरे या हल्के पीले, भूरे, रंग के वस्त्र पहनें तो उनके लिए शुभ रहेगा। इनके लिए श्वेत, गुलाबी, पिंक, ताम्रवर्ण एवं पीला रंग अनुकूल हैं। मुनक्का, केसर, लवंग, जायफल, खट्ठा+मीठा मिश्रित स्वाद वाले फल, तेजपत्र, संतरा, नीबू, खजूर आजवायन, लोबान, अदरख, जौ का उपयोग इस अंक वाले के लिए अति अनुकूल है। इस अंक वालों के जीवन के १९ , २८ , ३७, एवं ५५ वें वर्ष स्वास्थ्य परिवर्तन की दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण होता है। इनको हृदय रोग, उच्च रक्तचाप एवं आँखों के रोग होने की आशंका होती है।

१ का अंक सकारात्मक तथा सक्रिय सिद्धांत के रूप में प्रयुक्त होता है। यह शब्दों के लिए भी प्रयुक्त होता है, जो अनंत तथा अव्यक्त की अभिव्यक्ति हैं। यह 'अहं' का प्रतिनिधित्व करता है, आत्मस्वीकार, सकारात्मकता, पृथकवाद, आत्मत्त्व, श्रेष्ठता, आत्मनिर्भरता, गरिमा तथा प्रशासन का भी प्रतीक है। यह धार्मिक अर्थ में स्वयं ईश्वर का प्रतीक है। दार्शनिक व वैज्ञानिक अर्थ में यह संश्लेषण तथा वस्तुओं में मूलभूत अखंडता का प्रतीक है। यह शून्य का प्रकट भाव और सूर्य का प्रतीक है। १ का अंक स्वतंत्र व्यक्तित्व व संभावित अहं, आत्मनिर्भरता, प्रतिज्ञापन व विशिष्टता का सूचक है। हमेशा इन लोगों को सफलता मिलती है तथा सामाजिक जीवन में प्रतिष्ठा भी मिलती है। इन लोगों का क्रोध क्षणिक होता है, क्योंकि इस अंक के व्यक्ति सत्यप्रिय होते हैं और उन्हें सत्य अधिक पसंद होता है। जिससे ये लोग मित्रता करते हैं, उसके लिए कुछ भी करने को तैयार होते हैं। जरूरत पड़ने पर ये लोग प्राण देने से भी पीछे नहीं हटते। इस अंक के लोगों को उनके विशिष्ट गुणों के अनुसार जरूरत पड ने पर पैसे की मदद भी मिलती रहती है।
ये किसी की सलाह पसंद नहीं करते और कोई उनसे कहे ऐसा या वैसा तोउसको स्वीकार कर हां में हां भी नहीं करते। कुदरती प्रेरणाशक्ति के कारण ये इच्छित कार्य करने के लिए शक्तिमान होते हैं। ये लोग प्रेम के पीछे पागल होते हैं, जिसे ये लोग चाहते हैं, उसके लिए जान देने को भी तैयार होते हैं।
ये लोग बात बात में गुस्सा होते हैं, इसका मुखय कारण इन लोगों का गर्विष्ठ स्वभाव होता है। ये इतने अधिक विशिष्ट गुणों के स्वामी होते हैं कि, अच्छा खासा धन भी कमाते हैं। इन लोगों को हमेशा गुप्त शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए। इस अंक का स्वामी सूर्य है। ता. १,१०,१९,२८ को पैदा हुए लोगों के लिए रविवार, सोमवार और गुरुवार शुभ है। अप्रैल, मई, नवम्बर, दिसम्बर महीना अच्छा रहता है। जून, जुलाई, सितम्बर, मार्च महीने में सावधान रहें। ये लोग सुंदर, स्वरुपवान और अच्छे देहधारी होते हैं। इन लोगों की तेजस्वी आखों में गजब का तेज होता है। ये लोग खर्चीले होने के बावजूद काफी उदार भी होते हैं। इस अंक का स्वामी सूर्य होने से अध्यात्म की ओर इनके मन को आकर्षित करता रहता है।