गणेश यंत्र


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देवों के देव भगवान् गणपती आदि महाशक्ति के रूप में जाने जाते हैं और प्रथम पूज्यनीय है विघ्नों के विनाश के लिए ये अत्यन्त प्रसिद्ध हैं। किसी भी क्षेत्र में ऋद्धि-सिद्धि हेतु श्री गणेश यंत्र सदैव लाभ देता है और कार्यो को निर्विघ्न सम्पन्न होने के लिए सहायता करता है। यह यंत्र चल एवं अचल दोनों तरह से प्रतिष्ठित किया जाता है।

गणेश विघ्न निवारण के देवता हैं सभी कार्यो में सफलता हेतु भगवान गणेश की उपासना ही सर्वश्रेष्ठ मानी गयी है। चारों में वेदों एवं पुराणों में भगवान श्री गणेश की श्रेष्ठता का वर्णन बार-बार आता है इससे यह प्रतीत होता है विघ्नों को नष्ट करने के लिए गणेश की उपासना आवश्यक है।

यंत्र का उपयोग

श्री गणेश यंत्र को सम्मुख रखकर घृत मिश्रित अन्न की आहुतियाँ देने से मनुष्य धन धान्य से समृद्ध हो जाता है। चिउड़ा अथवा नारिकेल अथवा मरिच से प्रतिदिन एक हजार आहुति देने से एक महीने के भीतर बहुत बड़ी सम्पत्ति प्राप्त होती है।

जीरा, सेंधा नमक एवं काली मिर्च से मिश्रित अष्टद्रव्यों से प्रतिदिन एक हजार आहुति देने से व्यक्ति एक ही पक्ष (15दिनों) में कुबेर के समान धनवान् हो जाता है। इतना ही नहीं प्रतिदिन मूलमन्त्र से 444 बार तर्पण करने से मनुष्यों को मनो वांिछत फल की प्राप्ति हो जाती है।